तुम तो सो जाओ तारों!


तुम तो सो जाओ तारों! तुम्हे कसम हमारी है.........

परेशान रात सारी है!
तुम तो सो जाओ तारों,
तुम्हे कसम हमारी है!!
मन बोझिल है, फ़िर छाई खुमारी है!
तुम तो सो जाओ तारों तुम्हे कसम हमारी है.........
फ़िर चाँद नज़र आ रहा है!
एक नज़र वो मुझे भी ताके....
बावरा मन यही चाह रहा है...
पर मेरे एहसासों की रौशनी क्या उस तक पहुँचेगी!
यही ख्याल पल - पल सता रहा है!
लो फ़िर जला ली लौ चाहतों की है!
तुम तो सो जाओ तारों.....................
माना तुम यार हमारे हो!
हमारी खुशियों पर ख़ुद को वारे हो!
पर मन मैं कसक तो उसको पाने की है!
जो दूर से लगता अपना है!
पर जिस पे नज़र ज़माने की है!!
फ़िर रात भर पी लेंगे!
अभी जाम बाकी है.....
तुम तो सो जाओ तारों........................
समय कटेगा, ये तन्हाई भी रुसवा कर जायेगी!
ज्यों थमेंगी साँसे, मुन्देंगी आँखें......
यूँही ये रात भी कट जायेगी!
रहेगा खवाब अधूरा........
मन की आस अधूरी रह जायेगी!
जहाँ सारा , फ़िर जागेगा ले अन्ग्राई!
और हमारी मिलन की आस,प्रभात किरण मैं खो जायेगी!!
तुम मेरे चाँद को संभाले रखना.....
जलने दो, ये एहसासों की चीता हमारी है!!
तुम सो जाओ तारों तुम्हे कसम.................
परेशां रात सारी है! तुम सो जाओ तारों!!

...................................एहसास!

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धन्यवाद !

एहसासों के सागर मैं कुछ पल साथ रहने के लिए.....!!धन्यवाद!!
पुनः आपके आगमन की प्रतीक्षा मैं .......आपका एहसास!

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