मैं सौदागर होता!


काश मैं सौदागर होता ,
तो चाँद की चाँदनी .....
एक गठरी मैं बाँध कर लाता ,
और सबको बाँट देता!
लम्हा-लम्हा जिंदगी,
यूँ प्यासी न गुजरती।।
काश मैं सच होते सपनो का सागर होता!!
काश मैं सौदागर .........


ये जिंदगी भी होती धड़कन किसी दिल की!
और गीत मेरा हर दिल तराना होता!
 हाथों में हाथ होता ना तन्हा कोई,
 खुशियों से हर सजा घर होता!!
काश मैं सौदागर .........


पौंछ लेता हर आँख के आंसूं,
या सबके दर्द अपनी आँखों रोता!
सौदा जो करता खुशियों का गम क मोल!
मैं ऐसे सौदों का सौदागर होता!!
 
काश में सौदागर होता!

एहसास ......

धन्यवाद !

एहसासों के सागर मैं कुछ पल साथ रहने के लिए.....!!धन्यवाद!!
पुनः आपके आगमन की प्रतीक्षा मैं .......आपका एहसास!

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