!!खांमोशी की सज़ा हमे यूं न दो!!

खांमोशी की सज़ा हमे यूं न दो,

की धड़कते दिल की धड़कन

सदा के लिए खामोश हो जाए!

अपने तनहा ख्वाब मे ही सही,

एहसासों को अपने लब छूने दो,

की एक बार फ़िर जीने की ख्वाइश हो जाए!!

कोई तो ऐसा मौका दो,

जब दिल का एहसास जुबान पर आ जाए!

न चाहो इन्हे तो रहने दो,

गर हो पसंद तो मौन समर्थन हो जाए!!

.....एहसास

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धन्यवाद !

एहसासों के सागर मैं कुछ पल साथ रहने के लिए.....!!धन्यवाद!!
पुनः आपके आगमन की प्रतीक्षा मैं .......आपका एहसास!

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