मैं डरता हूँ ............

कहता हूँ जो जी चाहे करता हूँ ...
चाहता हूँ अच्छा,
अछे  की चाह में पल पल मरता हूँ !
हार कर एक दिन टूट कर बिखर जाउंगा ......
सोच सोच तनहईयों मैं आह  भरता हूँ !
मैं डरता हूँ ............

दिल मैं घाव हैं हजारों
खामोश अँधेरे हैं दिशाओं मैं चारों !
शोर तो दिल मैं भी है बहुत पर .......
आँखों मैं बहकर आंसूं
होटों पर ठहरे हैं यारों!
छटपटाता हूँ, दिल का हाल .....
सब से कहना चाहता हूँ !
कह दिया तो तनहा रह जाउंगा,
ये भी जनता हूँ
इन् सायों मैं अपनों का एहसास करता हूँ ......
इनसे ही मैं डरता हूँ ...
मैं डरता हूँ !


एहसास .......

धन्यवाद !

एहसासों के सागर मैं कुछ पल साथ रहने के लिए.....!!धन्यवाद!!
पुनः आपके आगमन की प्रतीक्षा मैं .......आपका एहसास!

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