एहसासों के अन्तर्मन
एहसास जिया करता हैं!
प्रश्न उठे फ़िर भी हर शब....
एहसास कहाँ रहता हैं!!
जिसको देख के विचलित मन...
बन मोर चहक उठता है!
कभी-कभी वो बदरा भी....
भर-भर के नयन रोता है!!
चांद बिखेरे चाँदनी रातों को...
निकल पड़ता है!
फ़िर भी हर घर-आँगन...
अंधियारा पसरा फिरता है!!
कृति-प्रकृति की, जिसे....
एहसास शब्दों मैं पिरोता है!
उन्ही शब्दों की धार से ख़ुद...
खामोश खडा रोता है!!
साथ खड़ा मानव का मेला...
फ़िर भी,
एकाकी सफर करता है!
जो शाश्वत सत्य, जो लेख अटल...
उस लेख से ही डरता है!!
प्रश्न उठे फ़िर भी हर शब....
एहसास कहाँ रहता हैं!!
एहसास कहाँ रहता हैं!!
.....एहसास!
एहसास जिया करता हैं!
प्रश्न उठे फ़िर भी हर शब....
एहसास कहाँ रहता हैं!!
जिसको देख के विचलित मन...
बन मोर चहक उठता है!
कभी-कभी वो बदरा भी....
भर-भर के नयन रोता है!!
चांद बिखेरे चाँदनी रातों को...
निकल पड़ता है!
फ़िर भी हर घर-आँगन...
अंधियारा पसरा फिरता है!!
कृति-प्रकृति की, जिसे....
एहसास शब्दों मैं पिरोता है!
उन्ही शब्दों की धार से ख़ुद...
खामोश खडा रोता है!!
साथ खड़ा मानव का मेला...
फ़िर भी,
एकाकी सफर करता है!
जो शाश्वत सत्य, जो लेख अटल...
उस लेख से ही डरता है!!
प्रश्न उठे फ़िर भी हर शब....
एहसास कहाँ रहता हैं!!
एहसास कहाँ रहता हैं!!
.....एहसास!
6 टिप्पणियां:
जो हैं दूर एहसासों से
वही पूछा करते है
एहसास कहाँ रहता हैं!!
एहसास कहाँ रहता हैं!!
एहसास तो है मन के अन्दर
कहीं नहीं जाता है
जब होता है मन अनमना
एहसास सो- सा जाता है ............
बहुत मर्मान्तक एहसास,
दिल की गहराइयों तक उतरनेवाले
ehsaas tumhare ehsaas to pehle se hi kafi achhe hain...ye rachna bhi unme se ek hai....bahut sundar....
एहसास... कहा रहता है.. जानना चाहे कोई.. तो नज़रें झुका कर देख.. ले.. हेर उस शख्स के दिल में है एहसास.. जिनके पास एहसास का एक कतरा भी निहित है..... बहुत अच्छा लिखा है.. दोस्त...!
प्रश्न उठे फ़िर भी हर शब....
एहसास कहाँ रहता हैं!!
अक्सर होता ही ऐसा
जो होता दिल के करीब
हम उनको खोजा करते हैं
शायद होता हैं ये डर
कहीं उसे हम न खो दें !
भावनाओं की खूबसुरत अभिव्यक्ति। बधाई।
एक निवेदन- कृपया कमेंट बॉक्स से वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें, इससे इरीटेशन होती है।
ehesaas akshayke dil mai rheta hai ..
meri manpasand kavita bahut hi sundar.
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