खांमोशी की सज़ा हमे यूं न दो,
की धड़कते दिल की धड़कन
सदा के लिए खामोश हो जाए!
अपने तनहा ख्वाब मे ही सही,
एहसासों को अपने लब छूने दो,
की एक बार फ़िर जीने की ख्वाइश हो जाए!!
कोई तो ऐसा मौका दो,
जब दिल का एहसास जुबान पर आ जाए!
न चाहो इन्हे तो रहने दो,
गर हो पसंद तो मौन समर्थन हो जाए!!
.....एहसास
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