नमो नमो हे जन भारत , हुंकार भरो हुंकार भरो!
घोर अँधेरा छटने को हर,
नव प्रभात शुभ आने को!
मायूस चक्षुओं के अश्रू,
अब मुस्कानों से मिट जाने को!
शीश धरे गंगाशीष नर,
काशी से बन नाहर, आने को!!
हाथ बढ़ा के साथ बढ़ा के,
हर नर को इंद्र बनाने को!
सौम्य, साधना, शक्ति से,
निज कर सुराज फिर लाने को!!
आस करो, विश्वास करो,
अब देश धर्म को शिरोधार्य करो!
नमो नमो हे जन भारत ,
हुंकार भरो हुंकार भरो!
सपनो की नहीं ,अपनों की कमी!
ताकत की नहीं आदत की कमी!!
अब हरियाली की ओढ़ चुनरिया,
भगवा से भव पार करो!
नमो नमो हे जन भारत ,
हुंकार भरो हुंकार भरो!
गणतंत्र का बल, राजतंत्र सबल!
करना अब उन्नति का मन्त्र प्रबल!
चिर युवा हो, नर इंद्र हो तुम!
जन शक्ति से प्रहार करो!
नमो नमो हे जन भारत ,
हुंकार भरो हुंकार भरो!
नमो नमो हे जन भारत , हुंकार भरो हुंकार भरो!… एहसास की कलम से। …
घोर अँधेरा छटने को हर,
नव प्रभात शुभ आने को!
मायूस चक्षुओं के अश्रू,
अब मुस्कानों से मिट जाने को!
शीश धरे गंगाशीष नर,
काशी से बन नाहर, आने को!!
हाथ बढ़ा के साथ बढ़ा के,
हर नर को इंद्र बनाने को!
सौम्य, साधना, शक्ति से,
निज कर सुराज फिर लाने को!!
आस करो, विश्वास करो,
अब देश धर्म को शिरोधार्य करो!
नमो नमो हे जन भारत ,
हुंकार भरो हुंकार भरो!
सपनो की नहीं ,अपनों की कमी!
ताकत की नहीं आदत की कमी!!
अब हरियाली की ओढ़ चुनरिया,
भगवा से भव पार करो!
नमो नमो हे जन भारत ,
हुंकार भरो हुंकार भरो!
गणतंत्र का बल, राजतंत्र सबल!
करना अब उन्नति का मन्त्र प्रबल!
चिर युवा हो, नर इंद्र हो तुम!
जन शक्ति से प्रहार करो!
नमो नमो हे जन भारत ,
हुंकार भरो हुंकार भरो!
नमो नमो हे जन भारत , हुंकार भरो हुंकार भरो!… एहसास की कलम से। …
3 टिप्पणियां:
Namo namo india jai hind
नमो नमो.....!!
नमो नमो.....!!
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