एक लम्हा ......
रात भरी खुशियों से ......
गुनगुनाती सी हवा थी!
मुस्कुराती निगाहों से मिली निगाह थी.....
उठती गिरती पलकों ने दी दोस्ती की सदां थी!
होठ खुले या थे सिले.....
खामोश धड़कन की बायाँ थी!
ख्वाबों से निकाल कर दे गया ख्वाब!
एक लम्हा ......
तेरा आना जाना, तेरा मुस्कुराना!
जेसे साँसों का चलना, दिल का धडकना!
मेरी तन्हाईयों को अपनी खुशबू से महकाना!
तेरे मिलन को तड़पना, आके तन्हाईयों में जीना सिखा गया ......
एक लम्हा ......
तू था तो अकेले में मेले थे ......
समय के वार ले हाथों में हाथ झेले थे ......
जलती थी दुनिया तो क्या ......
हमारी रातें थी साथ, साथ सवेरे थे ......
जो थे जैसे थे, तेरे हर पल मेरे थे ......
इन जीवित पलों को यादें बना गया ......
एक लम्हा ......
हाथ खुले हैं, हाथों को थामने तेरे ......
पथराई हैं आँखें अक्स पाने को तेरे ......
तुझे सुनने की चाह लिए कान मेरे ......
फिरसे तेरे सीने में ,
आँखों में तेरी जीने को अरमान मेरे ......
मुझसे मुझको चुरा क मुझको मिटा गया ......
एक लम्हा ......
दिल दुखा के, हाथ छुडा के ......
बरसों के मनमीत, पल भुला के ......
तेरी राह तू चला गया !
छोड़ गया फिर उम्र भर को आँखों में!!
एक लम्हा ......
एहसास ...... ......
रात भरी खुशियों से ......
गुनगुनाती सी हवा थी!
मुस्कुराती निगाहों से मिली निगाह थी.....
उठती गिरती पलकों ने दी दोस्ती की सदां थी!
होठ खुले या थे सिले.....
खामोश धड़कन की बायाँ थी!
ख्वाबों से निकाल कर दे गया ख्वाब!
एक लम्हा ......
तेरा आना जाना, तेरा मुस्कुराना!
जेसे साँसों का चलना, दिल का धडकना!
मेरी तन्हाईयों को अपनी खुशबू से महकाना!
तेरे मिलन को तड़पना, आके तन्हाईयों में जीना सिखा गया ......
एक लम्हा ......
तू था तो अकेले में मेले थे ......
समय के वार ले हाथों में हाथ झेले थे ......
जलती थी दुनिया तो क्या ......
हमारी रातें थी साथ, साथ सवेरे थे ......
जो थे जैसे थे, तेरे हर पल मेरे थे ......
इन जीवित पलों को यादें बना गया ......
एक लम्हा ......
हाथ खुले हैं, हाथों को थामने तेरे ......
पथराई हैं आँखें अक्स पाने को तेरे ......
तुझे सुनने की चाह लिए कान मेरे ......
फिरसे तेरे सीने में ,
आँखों में तेरी जीने को अरमान मेरे ......
मुझसे मुझको चुरा क मुझको मिटा गया ......
एक लम्हा ......
दिल दुखा के, हाथ छुडा के ......
बरसों के मनमीत, पल भुला के ......
तेरी राह तू चला गया !
छोड़ गया फिर उम्र भर को आँखों में!!
एक लम्हा ......
एहसास ...... ......
4 टिप्पणियां:
wah! bahut khubsurat ehsaas, khubsurat chitran.
aapka mere blog me swagat hai.
http://kpk-vichar.blogspot.in
aapka samarthan ki chah hai.
Bhai, ehsaas to khud ek saagar hai, aur fir aapke ehsaason kaa saagar ... maza aa gaya.
वाह....
बेहद खूबसूरत एहसास.....
पढ़ना मन भाया
अनु
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