शब्दों की सेज पे.....
बैठा मैं कलम से पूंछूं!
एहसास के मन की रानी कौन?
इठलाके फ़िर सखीं यूँ बोली......
आ दिखा दूँ रानी, छोड़ के मौन!!
वो खिली-खीली, हंसती इठलाती...
पहली बसंत सी काया!
राज-कामदेव के काम मैं लिपटी...
जिसमे रती का रूप समाया!
ऐसा अप्रितम रूप धरे...
और दूजी होगी कौन?
इठलाके फ़िर सखीं यूँ बोली......
आ दिखा दूँ रानी, छोड़ के मौन!!
आ दिखा दूँ रानी, छोड़ के मौन!!
आभा चंद्र की से मुख दमका....
चन्द्रिका बनी माथे की बिंदीया!
नयनो मैं लज्जा के हिचकोले...
सुर्ख अधरों मैं मौन शरमाया!
वो चंद्र मुखी घूंघट मैं बैठी...
और दूजी होगी कौन.....?
इठलाके फ़िर सखी यूँ बोली...
आ दिखा दूँ रानी, छोड़ के मौन!!
.....एहसास!
11 टिप्पणियां:
bahut achha vichar dikha
एहसास जी आपकी रचना '' मन कि रानी बहुत ही शानदार है ........... उच्च स्तरीय है ...... शुभकामनाएं..
ati sunder .. dil ko choone waali kavita hai...really beautiful
ओह हो भाई मज़ा आ गया... वैसे तो रोज़ ही जागता था.. ये पढ़ के आज जागने के एक वजह मिल गयी...
अब तो दिल करता है पूछ पडूँ..
एहसास के मन की रानी कौन?
kisi ne khushi to kisi ne gham kaha
Zindgi ko duniya ne kitna kum kaha!!!!
Gud ke shabdon ke ehsason main lipta "sankhi ka maun"
Maun main kul kul behta, sagar aur
pawan liye khushbu bhini aur saundh.
Ehsas ke ehsason ki is sargam main,
panchi ka kalrav liye is nazm ne:
tode bandhan, tode darpan,
aur layi hai ek
naye suraj ki kiran saumya.
kiran ehsason ki,
kiran vicharon ki,
kiran liye chamk,
jhilmil sitaron ki,
Kiran kehti
"ud, ud asman ke hur kone tuk ud,
khushi aur gham ke kahkashan se ooncha ud".
Badhayiyan.......
Yours.......
Annu
khubsurat ehsaas ki khubsurat raani.............
tumhari kalam ko mera aashirwaad......
पारंपरिक सौंदर्य रस की मिठास ....
अलंकरनो का सुन्दर प्रयोग भी शिल्प को खूबसूरती प्रदान कर रहा है..!!!
अच्छी लगी एहसास की "मन की रानी"..
utkrisht rachna.......
gahre arth liye.
बहुत ही सुंदर रचना है...मन खुश हो गया..वही ख़ुशी जो कुछ भी सुंदर देखकर होती है...सो इस अनाम ख़ुशी के लिए धन्यवाद
ye ehesaas hi to likh sakta hai bas aur koi bhi nahi
iska ehessas aur koi kar hi nahi sakta bahut hi sundar prastuti bhai....
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